Wednesday, June 3, 2020

પ્રેગ્નેંટ હાથીણીને ફટાકડા ભરેલું અનાનસ ખવડાવતા મૃત્યુ प्रेग्नेंट हथिनी को खिलाया पटाखों से भरा अनानास

15:01 03/06/2020: By Shailesh Bhatt:
केरल से एक अमानवीय घटना सामने आई है। कुछ लोगों ने एक प्रेग्नेंट हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया। इसके बाद यह पटाखों से भरा अनानास हाथिनी के मुंह में फट गया। हाथिन और उसके पेट में पल रहा बच्चा, दोनों की ही दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लोगों को गुस्सा सामने आ रहा है। बॉलीवुड सेलेब्स को भी इस घटना ने काफी प्रभावित किया। सेलेब्स का गुस्सा इस मुद्दे पर सामने आ रहा है।

अनुष्का शर्मा ने इस मुद्दे पर अपने ऑफ़िशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से एक स्टोरी शेयर की। उन्होंने इस घटना की ख़बर का स्क्रीनशॉट्स शेयर किया। उन्होंने लिखा, 'इसलिए हमें जनवारों पर अत्याचार के खिलाफ़ कड़े कानून की आवश्यकता है।'

रणदीप हुड्डा अपने जानवरों से प्रेम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'एक प्रेग्नेंट हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिलाना सबसे अमानवीय काम है। यह बिल्कुल अस्वीकार है।

यह मामला केरल के मल्लपुरम जिले का है। अनानास हाथिनी के मुंह में फट गया और जिससे वह कुछ खा नहीं पा रही थी। इसके बाद वह तड़प-तड़प कर मर गई।

गूगल ने प्ले स्टोर से.....Google suspended.....

14:34 03/06/2020: By Shailesh Bhatt:
Google has suspended #RemoveChinaApps from google play store.

'रिमूव चाइना ऐप' (Remove China App) को गूगल ने प्ले स्टोर से हटा दिया है। इससे पहले गूगल ने टिकटॉक की टक्कर में डाउनलोड की जा रही मित्रों ऐप (Mitron App) को भी हटा दिया था। महज कुछ ही दिनों में ऐप के 10 लाख से ज्यादा डाउनलोड्स हो गए थे।

इस ऐप के जरिए से यूजर्स आसानी से चीन की मोबाइल ऐप्स का पता लगा सकते थे। टेकक्रंच के अनुसार, गूगल ने ऐप को प्ले स्टोर से भ्रामक व्यवहार नीति के तहत हटाया है।

માસ્ક ક્યાં છે? 10 હજારનો દંડ ભરો... मास्क कहां है? 10 हजार का जुर्माना

14:07 03/06/2020: By Shailesh Bhatt:
कोरोना संकट के बीच एक दंपति को अपनी शादी में मास्क न पहनना महंगा पड़ गया. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने दंपति के खिलाफ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

असल में, दंपति की शादी से परिवार के लोग नाराज हैं. इसकी वजह से सुरक्षा की मांग को लेकर दंपति ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और परिजनों से अपने लिए सुरक्षा मुहैया कराये जाने की मांग की.

दंपति ने सबूत के तौर पर अपने शादी समारोह की तस्वीर कोर्ट के समक्ष पेश की और बताया कि उन्होंने शादी कर ली है. तस्वीर देखने के बाद जस्टिस हरि पाल वर्मा ने पाया कि शादी समारोह में उपस्थित लोगों और दंपति ने मास्क नहीं पहना था. जबकि शादी समारोह का आयोजन कोरोना लॉकडाउन के दौरान किया गया था.

Tuesday, June 2, 2020

चमत्कार से कम नहीं

20:58 02/06/2020: By Shailesh Bhatt:
ब्राजील में पांच महीने की एक बच्ची ने महीने भर वेंटिलेटर पर रहने के बाद कोरोना वायरस को हरा दिया है। डॉक्टर इसे चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। पांच महीने की बच्ची को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची एक महीने तक कोमा में रही इसके बावजूद वह बच निकली। बच्ची के माता-पिता ने इसे किसी चमत्कार से कम नहीं माना है। उन्होंने कहा है कि हो सकता है एक रिश्तेदार के यहां जाने के दौरान बच्ची संक्रमण की चपेट में आई हो।

हमारे देश में कोरोना से भी खतरनाक है प्रदूषण

14:42 02/06/2020: By Shailesh Bhatt:

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का एक अनुमान है कि वायु प्रदूषण के चलते हर साल करीब 70 लाख मौतें होती हैं।

अमेरिका में 90 प्रतिशत मौत उन शहरों में हुई जहां वायु प्रदूषण अधिक है। इटली में हुए इस तरह के शोध में यह बात सामने आई है कि जिन जगहों पर वायु प्रदूषण अधिक है वहां कोरोना के चलते होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है।

अकेले वायु प्रदूषण के कारण ही भारत में प्रतिवर्ष 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।

देश भर में लाॅकडाउन के कारण जो पर्यावरण और हवा साफ हुई है देखने वाली बात होगी कितने दिनों तक यह साफ रहती है। नासा की हाल ही की एक रिपोर्ट बताती कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण पिछले 20 साल में सबसे कम हो गया है।

दिल्ली में नुकसानदेह छोटे कणों यानी पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 का स्तर लॉकडाउन लागू होने के बाद काफी गिरा, 20 मार्च को दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 91 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (mg/m3) थी, जो 27 मार्च को घटकर 26 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (mg/m3) रह गई।

देश की 40 फीसदी आबादी गंगा नदी पर निर्भर करती है। गंगा को साफ करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के बजट प्रावधान से 'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट शुरू किया गया।  देश में पिछले 60 दिनों से लगे लॉकडाउन ने जिस तरह से गंगा को साफ किया है उसकी लागत 20 हजार करोड़ रुपये से भी कहीं ऊपर बनती है। 

सहमति इस बात पर भी बननी चाहिए कि लोग निजी वाहनों का सयुंक्त उपयोग करें। सार्वजनिक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। निजी और सरकारी निवेश को हरित प्रोजेक्ट की ओर बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

हमें इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे देश में कोरोना से भी खतरनाक है प्रदूषित वातावरण कोरोना देर सवेर अच्छे-बुरे अनुभव दे कर चला जाएगा लेकिन उसके बाद हम पर निर्भर करता है कि हम इससे क्या सीख लेते हैं।