આજથી ગ્રાહક તરીકે વધુ અધિકારો મળશે
Get more rights as a customer from today
आज से ग्राहक के तौर पर मिल रहे है ज्यादा अधिकार
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आज से ग्राहक के तौर पर मिल रहे है ज्यादा अधिकार
14:01 20/07/2020:
= अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है.
= उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए भ्रामक विज्ञापन किए जाते हैं तो कंपनी के साथ-साथ प्रचार करने वाले सेलेब्रिटीज पर भी कार्रवाई की जाएगी.
= नए कानून में उपभोक्ता किसी भी सामान को खरीदने से पहले भी उस सामान की गुणवत्ता की शिकायत सीसीपीए में कर सकती है.
= कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता देश के किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा.
= सिनेमा हॉल में खाने-पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने वालों की अगर मिलती है शिकायत तो होगी कार्रवाई.
= कैरी बैग के पैसे वसूलना कानूनन गलत.
= उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) का गठन- इस आयोग का काम है कि अगर आपसे कोई अधिक मूल्य वसूलता है, आपके साथ अनुचित व्यवहार करता है, जीवन के लिए खतरनाक और दोषपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की जाती है तो इसकी शिकायत सीडीआरसी सुनेगी और फैसला सुनाएगी.
= केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना - इस प्राधिकरण के पास अधिकार होगा कि वह भ्रामक या झूठे विज्ञापन जैसे-लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र बनाने वालों और उनका प्रचार-प्रसार करने वालों पर जुर्माना लगाए. इस प्राधिकरण के पास अधिकार है कि 2 वर्ष से लेकर 5 साल तक की कैद की सजा सुनाने के साथ-साथ 50 लाख रुपये तक जुर्माना वसूलने का. इसका नेतृत्व महानिदेशक सीसीपीए करेंगे.
= PIL या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी. पहले के कानून में ऐसा नहीं था.
= नए कानून में ऑनलाइन और टेलीशॉपिग कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है.
= खाने-पीने की चीजों में मिलावट तो कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान.
= कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन. दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे.
= कंज्यूमर फोरम में एक करोड़ रुपये तक के केस
= स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये
= नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दस करोड़ रुपये से ऊपर केसों की सुनवाई.
= अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है.
= उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए भ्रामक विज्ञापन किए जाते हैं तो कंपनी के साथ-साथ प्रचार करने वाले सेलेब्रिटीज पर भी कार्रवाई की जाएगी.
= नए कानून में उपभोक्ता किसी भी सामान को खरीदने से पहले भी उस सामान की गुणवत्ता की शिकायत सीसीपीए में कर सकती है.
= कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता देश के किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा.
= सिनेमा हॉल में खाने-पीने की वस्तुओं पर ज्यादा पैसे लेने वालों की अगर मिलती है शिकायत तो होगी कार्रवाई.
= कैरी बैग के पैसे वसूलना कानूनन गलत.
= उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) का गठन- इस आयोग का काम है कि अगर आपसे कोई अधिक मूल्य वसूलता है, आपके साथ अनुचित व्यवहार करता है, जीवन के लिए खतरनाक और दोषपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की जाती है तो इसकी शिकायत सीडीआरसी सुनेगी और फैसला सुनाएगी.
= केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना - इस प्राधिकरण के पास अधिकार होगा कि वह भ्रामक या झूठे विज्ञापन जैसे-लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र बनाने वालों और उनका प्रचार-प्रसार करने वालों पर जुर्माना लगाए. इस प्राधिकरण के पास अधिकार है कि 2 वर्ष से लेकर 5 साल तक की कैद की सजा सुनाने के साथ-साथ 50 लाख रुपये तक जुर्माना वसूलने का. इसका नेतृत्व महानिदेशक सीसीपीए करेंगे.
= PIL या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी. पहले के कानून में ऐसा नहीं था.
= नए कानून में ऑनलाइन और टेलीशॉपिग कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है.
= खाने-पीने की चीजों में मिलावट तो कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान.
= कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन. दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे.
= कंज्यूमर फोरम में एक करोड़ रुपये तक के केस
= स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये
= नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दस करोड़ रुपये से ऊपर केसों की सुनवाई.
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