कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते देश में लॉकडाउन बढ़ने पर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. इसकी वजह से इस सेक्टर्स में नौकरियां जाने के साथ सैलरी में कटौती की जा सकती है. इसका असर लोन लेने वालों के रिपेमेंट क्षमता पर पड़ेगा. हाल ही में बैंकों की हुई रिव्यू मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा हुई. इसमें लोन डिफॉल्ट की संभावना कॉरपोरेट सेक्टर से लेकर रिटेल सेगमेंट तक फैल रही है. पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय द्वारा समन्वित एक बैठक में, भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ सुनने के बाद, बैंकरों ने रिटेल लोन डिफॉल्ट की बढ़ती चिंता पर ध्यान केंद्रित किया.
पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय द्वारा समन्वित एक बैठक में, भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ सुनने के बाद, बैंकरों ने रिटेल लोन डिफॉल्ट की बढ़ती चिंता पर ध्यान केंद्रित किया. कॉरपोरेट्स और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) में लोन डिफॉल्ट्स बढ़ने की संभावना ज्यादा है क्योंकि लॉकडाउन के चलते यह सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित है. इस वजह से 6 महीने के लिए बढ़ सकती है आपकी EMI पर छूट !
पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय द्वारा समन्वित एक बैठक में, भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ सुनने के बाद, बैंकरों ने रिटेल लोन डिफॉल्ट की बढ़ती चिंता पर ध्यान केंद्रित किया. कॉरपोरेट्स और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) में लोन डिफॉल्ट्स बढ़ने की संभावना ज्यादा है क्योंकि लॉकडाउन के चलते यह सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित है. इस वजह से 6 महीने के लिए बढ़ सकती है आपकी EMI पर छूट !
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